बुधवार, 26 अगस्त 2009

ताजमहल मेरे मोबाइल के कैमरे की नज़र से

पिछले दिनों आगरा जाना हुआ वहाँ से वापसी के वाले दिन थोड़ा समय बच गया था फतेहपुर सीकरी जाने काबहुत मन था पर समय नही था लखनऊ वापसी की जल्दी थी, तो सोचा कि ताजमहल ही घूम आया जाए



ताजमहल उन इमारतों में है जिनकी तस्वीरें सबसे ज्यादा खींची गई हैं ऐसे में ताजमहल की कोई अनोखी फोटोखींच पाना कठिन है ऊपर से मोबाइल के कैमरे से तो और भी कठिन




खैर हम तस्वीरें ले आए



कुछ आप भी देखिये














मंगलवार, 25 अगस्त 2009

अभी नहीं करता तुम्हें, अंतिम प्रणाम!

श्वे़त पर ज्यों,
श्याम बिखरें हैं,
यथावत!
श्लेष भावों के वरण में,
अन्तः का प्रकल्प लेकर|
नित्य प्रतिदिन,
मृत्यु करती है आलिंगन,
पुनर्जीवन के दंभ का संकल्प लेकर|

अट्टहास-सा क्रंदन समेटे,
बाहु-पाश में|
अलिप्त-सा,
अब लिप्त क्यूँ?
किसी अप्रयास में|

है विधि का चक्र ज्यों,
होना निष्प्राण|
श्रेष्ठ यही,
विष्मृत न हो,
जीवन-प्रमाण|

माध्य हूँ मैं कर्म का,
कर्त्तव्य-पथ पर|
गंतव्य से पहले मेरा,
वर्जित विश्राम|

हे मृत्यु! तू ही ले,
अपनी गति को थाम|
अभी नहीं करता तुम्हें,
अंतिम प्रणाम!

मोक्ष नहीं कि,
तू मिले,
अनायास मुझको|
सोच यह कि काल ने,
निगला मुझे है|
ग्रास हूँ मैं वक्र-सा,
सहज नहीं हूँ,
सृजन-बीज हूँ,
काल से डरता नहीं मैं|

तेरी अपनी पीड़ा,
तेरी अपनी हार का|
मैं तो रहा सदा वंचित,
तेरे अनगिन प्रहार का|
याचक नहीं कि स्वार्थवश,
बनूँ प्रार्थी!
क्यूंकि है अन्तरिक्ष स्वयं,
मेरा सारथी!

हे मृत्यु! तू ही ले,
अपनी गति को थाम|
अभी नहीं करता तुम्हें,
अंतिम प्रणाम!

hamarivani

www.hamarivani.com